योगी सरकार ने बहुत बड़ा फैसला लिया है अपने इस कैबिनेट मीटिंग में इस नए फैसले से अब राज्य में लगभग 2.40 लाख आवंटियों को राहत मिलेगी. योगी सरकार के इस फैसले के बाद नोएडा समेत एनसीआर में जिन लाखों फ्लैट खरीदारों ने फ्लैट की बुकिंग की थी, उनको अब पजेशन मिल जाएगा।
योगी सरकार ने अपने कबिनेट में बिल्डर-बायर मामले को लेकर सीनियर आईएएस अमिताभ कांत की कमिटी की ओर से तैयार की गई पॉलिसी पर फैसला ले लिया है। इससे फंसे हुए बायर्स को घर मिलने का रास्ता थोड़ा आसान हो गया है। रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आसान करने के लिए भी संशोधन के साथ फैसला लिया गया है, जिसे लेकर स्पष्टता के लिए गवर्नमेंट ऑर्डर (GO) का इंतजार है। नोएडा-ग्रेनो में करीब डेढ़ लाख बायर्स को रजिस्ट्री का इंतजार है। बता दें कि बिल्डर-बायर मामले को लेकर करीब 6 महीने पहले अमिताभ कांत कमिटी की ओर से पॉलिसी तैयार की गई थी। शासन स्तर पर पिछले चार महीने में पांच बार मीटिंग होने के बाद मंगलवार को इस पर फैसला लिया गया है।
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि कि केंद्र सरकार की ओर से रुकी हुई रियल एस्टेट परियोजनाओं के सिलसिले में इसी साल मार्च में नीति आयोग के पूर्व मुख्य अधिशासी अधिकारी अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी. मंत्रिमंडल ने आज उसकी सिफारिशों को मंजूरी दे दी है.
उन्होंने बताया कि समिति की सिफारिशों में दो मुख्य बातें थीं. पहली-जो फ्लैट खरीदार आज की तिथि में निवास कर रहे हैं उनका रजिस्ट्रेशन और सब लीज डीड तत्काल कराया जाना चाहिए. दूसरी- कोरोना महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों में एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक ‘जीरो पीरियड’ में किस्त पर ब्याज माफी का लाभ दिया जाना चाहिए. यह व्यवस्था वाणिज्यिक, खेल या मनोरंजन वाली परियोजनाओं पर लागू नहीं होगी. उन्होंने बताया कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्य जिलों में जिन लोगों के मकान आधे बने हुये थे या उन्हें कब्जा नहीं मिला था, उनके लिए केंद्र सरकार ने यह समिति गठित की थी.