अगर आप किराए पर रहते हैं या फिर किराए का मकान ढूँढ रहे हैं तो रेंट एग्रीमेंट साइन करने से पहले कुछ चीजों को जरूर देख लें. जिससे आप भविष्य में होने वाली कई मुश्किलों से बच सकते हैं. रेंट एग्रीमेंट में इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि रेंट एग्रीमेंट में किराये की रकम, उसे देने की तारीख और लेट पेमेंट के मामले में पेनाल्टी का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए.
रेंट एग्रीमेंट में इस बात का साफ-साफ जिक्र होना चाहिए कि कितनी अवधि में किराया बढ़ेगा. यानी यह लंबी अवधि (चार साल से पांच साल) का एग्रीमेंट होगा या शॉर्ट-टर्म (11 महीने) एग्रीमेंट. किराया किस दर से बढ़ेगा, यह भी बताया जाना चाहिए.
वैसे तो रेंट एग्रीमेंट की अवधि फिक्स होती है जैसे 11 महीने, तीन साल इत्यादि. लेकिन, ऐसी भी स्थिति आती है जब मकान मालिक या किरायेदार को एग्रीमेंट रद्द करने की जरूरत पड़े. ऐसे में रेंट एग्रीमेंट में नोटिस पीरियड बताया जाना चाहिए. यह ऐसी अवधि है जिसमें किरायेदार को उचित समय देकर मकान खाली करने के लिए कहा जा सकता है. नोटिस पीरियड अमूमन एक महीने का होता है.
किरायेदार किसी और को मकान किराये पर नहीं दे सकता है. हालांकि, किरायेदार को और भी कई मामलों में सावधान रहने की जरूरत है. मुमकिन है कि मकान मालिक पालतू जानवर पालने, सोसाइटी में पार्किंग की सुविधा नहीं दे. इन सभी चीजों की पहले ही बात कर लें.
ज्यादातर रेंटल एग्रीमेंट फुली फर्निश्ड या सेमी फर्निश्ड घरों के लिए होते हैं. ऐसे में एग्रीमेंट में फर्नीचर और फिटिंग्स की पूरी लिस्ट होना जरूरी है.